पितृपक्ष ।कविता



पितृपक्ष ।कविता

पितृ मोक्ष के लिए 
पुरखों  को पानी देना
अपनी जड़ों को सींचना है 
तभी तो 
वंश वृक्ष फलीभूत होता है 
जल का अर्घ्य देने से 
जीवंत रहता जीवन 
हमारी पारंपरिक  सभ्यता 
और संस्कृति की जड़ें भी 
इसलिए गहरी है 
पीढियों की अनवरत बेल
हरी भरी रहेगी तो 
वंशवृक्ष की छाया 
घनीभूत  होगी 
पूर्वज थे इसलिए हम हैं 
स्मृतियों को  बनाए रखना 
हमारे  मनुष्य होने का संकेत है 
श्राद्ध पक्ष में श्रद्धा  से  सभी पुरखों को नमन

(डॉ महेश तिवारी,वरिष्ठ साहित्यकार )

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