सड़क हादसे। ट्रैफिक नियमो की जानकारी का अभाव ,सड़क सुरक्षा में नियमो की अनदेखी,जागरूकता की कमी,प्रशासनिक तालमेल नही
सड़क सुरक्षा पर कार्यशाला में बोले UN एक्सपर्ट डॉ रोहित बलूजा
सागर । देश मे बढ़ती सड़क दुर्घटनाएं लगातार चिंता का विषय बनती जा रही है । ऐसे में नियमो की सख्ती से लेकर सड़को की सुरक्षा तक पर सवाल उठ रहे है । इसके कारणों और बचाव को लेकर डॉ हरीसिंग गौर विवि,भारत सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेमंत्रालय, डीयाजियोफाउंडेशनऑफ इंडिया तथा आईआरटीआईकॉलेज ऑफ ट्रैफिक मैनेजमेंट
के संयुक्त तत्वावधान में सुरक्षितड्राइविंग एवं सड़क सुरक्षा विषय परएक दिवसीय कार्यशाला का आयोजनकिया गया।
कार्यक्रम में यूनाइटेड नेशन में ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के एक्सपर्ट रहे और आई आर टी ई के डायरेक्टर डॉ. रोहित बलूजा ने पावर प्रजेंटेशन के जरिये बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं के कारणों और उनसे निपटने के उपायों पर चर्चा की ।
डॉ बलूजा ने कहा की पूरी दुनिया मे भारत मे सर्वाधिक 13 लाख मोत सड़क दुर्घटनाओं में हर साल हो रही है । यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है । इसमे युवा पीढ़ी और नाबालिग बच्चों की संख्या अधिक है ।एमपी का स्थान छठवां है ।
उन्होंने कहा कि भारत मे आसानी से बिना वाहन चलाने सीखे और नियमो को जाने बगैर ड्राईविंग लायसेंस मिल/ बन जाते है । यह भयावह तस्वीर है । ट्रैफिक के नियमो के मुताबिक न तो लोग वाहन चला रहे है और न ही वाहन का रखरखाव कर रहे है । मनमाने तरीके से ओवरटेकिंग ने सड़क दुर्घटनाएं में इजाफा किया है । बाइक पर तीन तीन सवारी बैठाकर चलाना,मोबाइल फोन से बात करना सामान्य बात है ।यही हरकते मौत को आमंत्रण दे रही है ।इनकी बड़ी वजह ट्रैफिक नियमो की जानकारी नही होना,सड़क की इंजिनयरनिग में अनदेखी है ।दूसरी तरफ ट्रांसपोर्ट ,पुलिस महकमा और अन्य सम्बंधित विभागों में तालमेल नही है । सभी सड़क हादसों की जिम्मेदारी लेने से बचते है। ये विभाग में नियमो से वाकिफ नही है और इनका उल्लंघन करने से नही चूकते है । देश मे नए नियम लागू होने के बाद सरकारी महकमे से जुड़े लोगों के ट्रैफिक नियमो के उल्लंघन के वीडियो जमकर वायरल हो रहे है ।
उन्होंने कहा कि सुरक्षित कैसे वाहन चलाये इसके प्रति लोगो मे जबरदस्त उदासीनता है । क्वालटी वाले हेलमेट नही पहनेंगे। फैशन की तरह इनका इस्तेमाल करेंगे। सीट बेल्ट की अनिर्वायता नही है । लोगो ट्रैफिक के संकेतकों को नही जानते। जबकि पूरे दुनिया मे भाषायी अंतर है ।इसलिए संकेतकों की भाषा बनाई गई है ।जिसे लोग जानते तक नही है । उन्होंने चिंता जताई कि देशभर में संकेतकों को सरकार लगवा भी नही पाई और न ही सड़को की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जो सड़क हादसों के लिए जिम्मेदार भी है ।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कमी।
डॉ बलूजा ने कहा कि दुनिया मे भारत ऐसा देश है जहां पब्लिक ट्रांसपोर्ट को आगे नही बढाया गया। भारत मे 25 करोड़ गाड़िया है । जिसमे 74 फीसदी दुपहिया वाहन और 13 फीसदी कार है। बस का प्रतिशत 0.8 फीसदी है ।वही दुनिया मे उल्टा है । पब्लिक ट्रांसपोर्ट ज्यादा है । निजी वाहन कम।यदि पब्लिक ट्रांस्पोर्ट को बढ़ाया जाएगा तो कुश हद तक घटनाओं पर अंकुश भी लगेगा। उन्होंने कहा कि अनुशासन और नियमो का पालन ही हमे मौत से बचा सकता है ।
बीमा क्लेम के बुरे हाल
सड़क दुर्घटनाओं में बीमा क्लेम पर चर्चा करते हुए डॉ बलूजा ने कहा कि बीमा कंपनियों की कोशिश रहती है हमे कम सेकम क्लेम देना पड़े। बीमा कलेमो का प्रतिशत बहुत कम है । इसकी वजह यह है कि हम नियमो और वाहन के मेंटेनेंस का ध्यान नही रखते है इसका फायदा कम्पनियां उठाती है। नियमो का हवाला देकर कम्पनियां बीमा के क्लेम को कम या खारिज कर देती है।
सागर में तो मौत को निमंत्रण देता ट्रैफिक...
Un एक्सपर्ट डॉ रोहित बलूजा की टीम दो दिन पहले सागर आ चुकी थी। उसने सागर के यातायात को देखा और कैमरे में कैद किया। पावर प्रजेंटेशन में जब सागर की तस्वीर दिखी हाल बुरे थे। डॉ बलूजा ने मंच से कहा कि आगर में हरतरफ़ सड़क दुर्घटना का इंतजार हो रहा है । लोग ट्रिपल सवारी,मोबाइल फोन लिए ,बिना नियमो कायदे के चल रहे है । जहां निर्माण कार्य हो रहा है वहा भी कोई नियंत्रण नही दिखा। संकेतकों का अभाव दिखा।गलत पार्किंग ,गढ्डों से निकलते वाहन,बिना नम्बर प्लेट के वाहन सब दिखा। बसों के भी बुरे हाल दिखे।उन्होंने कहा कि इसमे पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग को अभियान चलाना चाहिए।
डियाजियो इण्डिया की सड़क सुरक्षा पहल देश में
डियाजियो इण्डिया के, चीफ स्ट्रैटेजी और कोरपोरेटअफेयर्स ऑफिसर अबंती संकरनारायणन ने कहा डियाजियो इण्डिया की सड़क सुरक्षा की पहल देश मेंसड़क सुरक्षा की भयावह समस्या को हल करने में योगदान दे सकती है। आईआरटीई के साथसाझेदारी में छात्रों को प्रशिक्षित करने से युवाओं को सड़क सुरक्षा पर शिक्षित किया जा सकेगा और
सड़क दुर्घटनाओं की समस्या को हल करने में मदद मिलेगी। आज के युवाओं को सड़क सुरक्षा, इसकेकारणों, परिणामों पर जागरुक बनाना तथा सशक्त प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है।
कार्यशाला में डीन आर पी मिश्रा ने कहा कि विवि में ऐसे आयोजन होते रहे इस दिशा में आमंत्रित करता हूँ। बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में नई पीढ़ी आगे काम कर सकती है । कार्यशाला में रजिस्ट्रार कर्नल राकेश मोहन जोशी ने विचार रखे। कार्यक्रम में आभार अपराध शास्त्र विषय के दीपक गुप्ता ने किया और संचालन शेफाली तिवारी ने किया।इसके आयोजक दीपक। गुप्ता, रणवीर सिंह,डॉ विवेक मेहता,मनीष चोरिसिया,डॉ मनीष पुरोहित और अमितेश सोनी थे।
इस मौके पर प्रो ए पी दुबे,csp आर डी भारदावज,प्रो पी पी सिंह,डॉ पंकज तिवारी,आशीष गौतम, आशीष वर्मा,संदीप चंचल,योगेश सिंह ,चन्दरलता सिंहसहित पुलिस अधिकारी,छात्रछात्राये उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें