#मधुर तिवारी
सागर. कृषि ऋण लेने वाले और मुख्यमंत्री जय किसान कर्जमाफी योजना के चक्कर में लंबे समय से लेनदेन न करने वाले किसानों को बैंकों ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। बैंक द्वारा ऋणी किसानों को जारी किए जा रहे इस नोटिस में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि न तो आपने किश्त की राशि जमा की है और न ही कर्जमाफी की राशि अब तक आपके बैंक खाते में आई है। जिसके कारण आपकी साख खराब हो रही है और एनपीए की श्रेणी में आ चुके हैं। इसके साथ ही नियमित उपभोक्ता को ब्याज पर मिलने वाली रियायत भी समाप्त कर दी गई है। मतलब अब तक किसान को जिस राशि पर महज 4 प्रतिशत ब्याज लग रहा था, कर्जमाफी के चक्कर में डिफाल्टर होने के बाद वह बढ़कर 13 प्रतिशत हो चुकी है। हालांकि बैंकें सीएम के आश्वासन (किश्त जमा करने से नहीं आएगा कर्जमाफी पर असर) का हवाला भी दे रहीं और किश्त की राशि जमा करने की अपील की जा रही है।
करीब पौने दो लाख किसानों की बिगड़ी साख
कर्जमाफी ने जिले सहित पूरे प्रदेश के लाखों किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। बैंक अधिकारियों की माने तो योजना में शामिल किए गए सभी किसानों की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हो गई है। इसका कारण है कि बैंक से लिए गए लोन की किश्त समय पर जमा न करना। प्रदेश स्तर की बात करें तो योजना के लिए चिन्हित किए गए सभी 55 लाख किसानों की बैंकों में क्रेडिट खराब हो गई है और उनका कर्जा भी अभी तक माफ नहीं हो सका है, जबकि जिले में कर्जमाफी का आवेदन करने वाले किसानों की संख्या 1.65 लाख है।
22 फरवरी से शुरू हुई कर्जमाफी
सागर जिले सहित पूरे प्रदेश में कर्जमाफी योजना में आवेदन करने वाले किसानों के खातों में सरकार ने 22 फरवरी के बाद राशि डालना शुरू किया था। इस हिसाब से योजना में शामिल सभी किसानों की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हुई है। क्योंकि शासकीय/प्रायवेट सभी बैंकों ने कृषि ऋण लेने वाले किसानों को साल में दो बार राशि जमा करने के लिए 31 जनवरी और 31 मई दो तारीखें तय की हैं। इसके बाद यदि कोई किसान लेनदेन करता है तो इसका सीधा असर उसकी क्रेडिट रिपोर्ट पर आता है। क्योंकि क्रेडिट रिपोर्ट ऑनलाइन होती है और यह हर दिन अपडेट होती है, यदि कर्जदार व्यक्ति एक दिन भी लेट होता है तो यह उसकी क्रेडिट रिपोर्ट में जुड़ जाती है।
क्या है क्रेडिट रिपोर्ट
बैंक अधिकारियों के अनुसार क्रेडिट रिपोर्ट ऋण लेने वाले व्यक्ति की कुंडली कही जा सकती है। यह रिपोर्ट ऑनलाइन होती है और रोजाना अपडेट होती है। यदि कोई व्यक्ति किश्त भरने में देरी करता है या लंबे समय तक ऋण खाते में कोई लेनदेन नहीं करता है तो यह पूरी जानकारी रोजाना ऑनलाइन अपडेट होती है, और व्यक्ति की बैंक में जो साख है वह क्रेडिट रिपोर्ट पर ही निर्भर करती है। यदि समय से लेनदेन नहीं किया गया है तो संबंधित व्यक्ति की क्रेडिट रिपोर्ट खराब हो जाएगी और फिर आगामी ऋण लेते समय उसे बाधक बन जाती हैं।
*पहले चरण में शामिल किए थे 70 हजार किसान
*70452 किसानों का 239.59 करोड़ रुपए होना था माफ
*33861 एनपीए वाले किसानों का 148.75 करोड़ रुपए
*36591 पीए वाले किसानों का 90.84 करोड़ रुपए
ऐसे हुए थे आवेदन
*185599 जिले के कुल ऋणी किसान
*165619 किसानों ने किए थे आवेदन
*105793 किसानों ने भरे थे सफेद फॉर्म
*37171 किसानों ने भरे थे हरे फॉर्म
*22655 किसानों ने भरे थे गुलाबी फॉर्म
फैक्ट फाइल
*165619 आवेदन करने वाले
*70452 पहले चरण में शामिल किसान
*37000 किसानों के खाते में पहुंची राशि
*33452 हजार पहले चरण के शेष
*95167 दूसरे चरण वाले शेष
*128619 किसानों की क्रेडिट खराब
नोट- सभी जानकारी कृषि विभाग के अनुसार।
(साभार पत्रिका)
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