रिश्वतखोर सब इंजीनयर को दो साल की सजा,10 हजार का जुर्माना

रिश्वतखोर सब इंजीनयर को दो साल की सजा,10 हजार का जुर्माना

मालथौन जनपद का मामला
सागर ।विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के न्यायाधीश रामविलास गुप्ता द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के आरोपी नीलेश वासनिक उपयंत्री को धारा 7 पीसी एक्ट मे आज दो साल की सजा और 10 हजार का जुर्माने की सजा सुनाई। आरोपी 80 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों  पकड़ाया था।।मामले में विशेष लोक अभियोजक, लोकायुक्त सागर रामकुमार पटेल ने शासन
की ओर से पैरवी की तथा लिखित एवं मौखिक तर्क प्रस्तुत किए।
घटना  24 अगस्त 2013 की है । आवेदक बलराम सिह ने पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त
सागर के समक्ष उपस्थित हो शिकायत की थी कि मै ग्राम पंचायत पातीखेडा का सरपंच हूँ मेरे द्वारा पंचपरमेश्वर योजना के अन्तर्गत कन्नाखेडी ग्राम से लोंगर तक की रोड का मुरमीकरण कार्य 4 लाख
रूपये में कराया था कार्य पूर्ण हो चुका है। उपयंत्री नीलेश वासनिक द्वारा उक्त कार्य का अधूरा मूल्यांकन किया गया है शेष मूल्यांकन करने के एवज मे उपयंत्री नीलेश वासनिक 80000रूपये रिश्वत
की मांग कर रहे है। आवेदक उन्हे रिश्वत नही देना चाहता था बल्कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ
पकडवाना चाहता था।
आवेदक की उक्त शिकायत पर पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त सागर के द्वारा शिकायत का
सत्यापन कराया गया । जनपद पंचायत मालथौन के उपयंत्री  नीलेश वासनिक के द्वारा रिश्वत मांगना प्रमाणित होने पर अपराध पंजीवद्ध किया गया तथा ट्रेप कार्यवाही आयोजित की गई किन्तु आवेदक का संपर्क आरोपी से न होने के कारण रिश्वत का लेनदेन नहीं हो सका परिणामस्वरूप अग्रिम कार्यवाही नहीं हो सकी।
आरोपी के द्वारा रिश्वत की मांग की जाना तथा रिश्वत लेने के लिए सहमत होने का मामला
प्रमाणित होने पर उसके विरूद्ध बाद विवेचना अभियोग पत्र विशेष न्यायालय सागर के समक्ष प्रस्तत किया गया।
विचारण मे आरोपी नीलेश वासनिक, उपयंत्री को प्रार्थी से रिश्वत की मांग करने तथा प्राप्त
करने के लिए सहमत होने का दोषी पाते हुए आज  विशेष न्यायालय सागर के द्वारा दण्डित किया गया।
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