सभीको स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना हमारा लक्ष्य :मंत्री श्री राजपूत
सागर । प्रदेष के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत ने जिला चिकित्सालय में उच्च निर्भरता ईकाई (एचडीयू) महिला प्रसूति विभाग का शुभारंभ शनिवार को मुख्य अतिथि के रूप में किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेविका श्रीमती मीना ताई पिंपलापुरे, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य श्री एसके जैन, सीएमएचओ श्री एमएस सागर, सिविल सर्जन श्री विक्रम सिंह तोमर, सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डा. अरूण सराफ, डा. श्याम मनोहर सिरोठिया, डा. प्रदीप चौहान, कार्यपालन यंत्री श्री एमके जैन, श्री विपिन मिश्रा उपस्थित थे।
राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि भगवान व्यक्ति को जन्म देता है किन्तु डाक्टर वह भगवान है जो व्यक्ति को पुर्नजन्म देता है। अतः आप समस्त लोगों से आषा करता हूं कि इस सम्मान को बनाए रखते हुए अपनी सेवाएं पूरी दृढ़ इच्छा से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनषील है। जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का प्रयास है किसी भी जरूरतंद के स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने में दिक्कत न आए। मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि इस यूनिट के शुरू होने से गर्भवती महिलाआंे, वृद्ध महिलाओं को अब अन्य शहरों की ओर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रूख नहीं करना पड़ेगा। शहर के साथ-साथ गांवों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने सरकार दृढ़ संकल्पित है। प्रदेष सरकार ने डाक्टरों की कमी को देखते हुए 500 डॉक्टर्स की संविदा नियुक्ति करने का निष्चय किया है। साथ ही 11 हजार एएनएम की भर्ती भी की जाएगी।
शुभारंभ कर एचडीयूू कक्ष का अवलोकन भी मंत्री श्री राजपूत ने किया। इस दौरान डा. ज्योति चौहान ने बताया कि दक्ष कार्यक्रम के तहत प्रदेष में 5 जिलों में यह वार्ड निर्मित किए गए है किन्तु यह मध्यप्रदेष की सबसे बड़ी एवं सागर संभाग की पहली उच्च निर्भरता ईकाई है। इस यूनिट के शुरू होने से गर्भवती महिलाओं को विषेष स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी। इसके तहत एक ही जगह से पैरामेडिकल स्टॉफ व डॉक्टर्स की टीम मरीज की मॉनीटरिंग कर सकती है। पैरामैडिकल स्टॉफ को विषेष प्रषिक्षण दिया गया है साथ ही अतिरिक्त डॉक्टर्स भी इस यूनिट में उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही अब ब्लड सेपरेटर भी स्थापित किया गया है जिससे रक्त के घटकांे को अलग-अलग जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जा सकता है। उन्होंने सागर की मांग पर जिला चिकित्सालय को कार्डिएक एंबूलेंस एवं एक अन्य वार्ड बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने कहा। स्वागत उदबोधन एमएस सागर ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन महिला चिकित्सालय डा. ज्योति चौहान ने किया एवं आभार डा. विजया पाटिल ने माना।
इस अवसर पर वरिष्ठ समाज सेविका श्रीमती मीना ताई पिंपलापुरे, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य श्री एसके जैन, सीएमएचओ श्री एमएस सागर, सिविल सर्जन श्री विक्रम सिंह तोमर, सेवानिवृत्त सिविल सर्जन डा. अरूण सराफ, डा. श्याम मनोहर सिरोठिया, डा. प्रदीप चौहान, कार्यपालन यंत्री श्री एमके जैन, श्री विपिन मिश्रा उपस्थित थे।
राजस्व मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि भगवान व्यक्ति को जन्म देता है किन्तु डाक्टर वह भगवान है जो व्यक्ति को पुर्नजन्म देता है। अतः आप समस्त लोगों से आषा करता हूं कि इस सम्मान को बनाए रखते हुए अपनी सेवाएं पूरी दृढ़ इच्छा से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति संवेदनषील है। जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार का प्रयास है किसी भी जरूरतंद के स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने में दिक्कत न आए। मरीजों को उचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेगी। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि इस यूनिट के शुरू होने से गर्भवती महिलाआंे, वृद्ध महिलाओं को अब अन्य शहरों की ओर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए रूख नहीं करना पड़ेगा। शहर के साथ-साथ गांवों में भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने सरकार दृढ़ संकल्पित है। प्रदेष सरकार ने डाक्टरों की कमी को देखते हुए 500 डॉक्टर्स की संविदा नियुक्ति करने का निष्चय किया है। साथ ही 11 हजार एएनएम की भर्ती भी की जाएगी।
शुभारंभ कर एचडीयूू कक्ष का अवलोकन भी मंत्री श्री राजपूत ने किया। इस दौरान डा. ज्योति चौहान ने बताया कि दक्ष कार्यक्रम के तहत प्रदेष में 5 जिलों में यह वार्ड निर्मित किए गए है किन्तु यह मध्यप्रदेष की सबसे बड़ी एवं सागर संभाग की पहली उच्च निर्भरता ईकाई है। इस यूनिट के शुरू होने से गर्भवती महिलाओं को विषेष स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जाएगी। इसके तहत एक ही जगह से पैरामेडिकल स्टॉफ व डॉक्टर्स की टीम मरीज की मॉनीटरिंग कर सकती है। पैरामैडिकल स्टॉफ को विषेष प्रषिक्षण दिया गया है साथ ही अतिरिक्त डॉक्टर्स भी इस यूनिट में उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही अब ब्लड सेपरेटर भी स्थापित किया गया है जिससे रक्त के घटकांे को अलग-अलग जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जा सकता है। उन्होंने सागर की मांग पर जिला चिकित्सालय को कार्डिएक एंबूलेंस एवं एक अन्य वार्ड बनाने का प्रस्ताव प्रस्तुत करने कहा। स्वागत उदबोधन एमएस सागर ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन महिला चिकित्सालय डा. ज्योति चौहान ने किया एवं आभार डा. विजया पाटिल ने माना।
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